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हाई डेफिनिशन 3-डी टीवी

तकनीक-ए- जहॉ
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अभी हाल ही में जापानी कंपनी पैनासोनिक ने अमेरिका के बोस्टन में आयोजित एक समारोह में नवीनतम हाई डेफिनिशन 3-डी टीवी को प्रदर्शित किया जिसमें 50 इंच का हाई डेफिनिशन थ्री डी प्लाज्मा स्क्रीन लगाया गया है. इसी के साथ  पैनासोनिक सहित अन्य प्रमुख कंपनियों – मित्सुबिसी, सोनी, तोशिबा, फिलिप्स आदि ने घोषणा की है कि शीघ्र ही कंज्यूमर्स विभिन्न थ्री डी प्रोडक्ट खरीद सकेंगे. इन नए उत्पादों में टीवी, ब्लू-रे प्लेयर्स, वीडियो गेम्स, यहॉ तक कि कैमरा और कैमकार्डर शामिल हैं.

थ्री डी के लिए नए ब्लू रे स्टैंडर्ड से कंपनियों के लिए सभी थ्री डी टीवी पर चलने वाली थ्री डी कंटेंट डेवलप करना आसान हो गया है. पैनासोनिक के वाइस प्रेसिडेंट रॉबर्ट पेर्री के अनुसार इस वर्ष अमेरिकी बाजार में थ्री डी टीवी की हिस्सेदारी लगभग आठ प्रतिशत रहेगी जो कि एक बेहतरीन आंकड़ा है. इसके अगले साल तक दोगुने तक होने की गुंजाइश है.

हालांकि अभी भी थ्री डी प्रोडक्ट बनाने वाली कंपनियों के अनुसार 3-डी मूवीज की पापुलरिटी के कारण इस तकनीक को आम घरेलू तकनीक बनने में मदद मिलेगी. मित्सूबिसी ने 2007 में 1500-4200 डालर के रेंज में थ्री डी होम थियेटर लांच किया था. इसने अभी जल्द ही एक Nvidia ड्राइवर पेश किया है जिसकी सहायता से पीसी गेम्स को इसके स्क्रीन पर थ्री डी में कंवर्ट किया जा सकता है.

क्या है थ्री डी टेलीविजन

परंपरागत टेलीविजन की जगह थ्री डी टेलीविजन किसी भी टीवी प्रोग्राम को त्री-आयामी रूप में दिखाने का जरिया है जिसकी सहायता से दर्शकों को टीवी पर चल रहा कार्यक्रम एक अलग ही रोमांच पैदा करने वाला एहसास कराता है. इस टीवी में तस्वीरों की थ्री डी प्रस्तुति के लिए स्टीरियोस्कोपिक कैप्चर, मल्टी व्यूह कैप्चर या टू डी प्लस डेप्थ तथा एक थ्री डी डिस्प्ले तकनीक का प्रयोग किया जाता है.

थ्री डी का कॉंसेप्ट काफी पुराना है. सन 1844 में डेविड ब्रेवस्टर ने साधारण फोटोग्राफी वाली तस्वीरों को बहुविमीय रूप में प्रदर्शित करने वाली एक डिवाइस निर्मित किया था जिसे स्टीरियोस्कोप के नाम से जाना गया. बाद में लुइस जूल्स ने इसमें कुछ संशोधन करके महारानी विक्टोरिया की तस्वीर को 1851 में थ्री डी रूप में दिखाया. द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से थ्री डी कैमरे व्यक्तिगत इस्तेमाल में आने लगे.

थ्री डी मूवी व  थ्री डी पिक्चर का समानांतर विकास

थ्री डी मूवी का विकास थ्री डी पिक्चर के विकास के साथ-साथ ही चला और 1855 में काइनेमैटोस्कोप का आविष्कार हुआ जो एक प्रकार का एनीमेशन कैमरा था. पहली एनाग्लिफ मूवी 1915 में बनाई गयी जबकि वर्ष 1922 में सार्वजनिक रूप से  “द पावर ऑफ लव” नामक थ्री डी मूवी दिखाई गयी. 1935 में पहली बार थ्री डी कलर मूवी बनी.

पचास के दशक के दौरान जब अमेरिका में टीवी अधिक पापुलर होने लगा उस समय कई थ्री डी मूवी बनाई गयीं. इस प्रकार की पहली फिल्म ब्वाना डेविल थी जो कि पूरे यूएस में प्रदर्शित की गई थी.

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