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आधुनिकता की दौड़ में जितना बदलाव तकनीकी क्षेत्र में हुआ है शायद ही उतना बदलाव किसी अन्य क्षेत्र में हुआ हो. इसी तकनीकी बदलाव की देन है कंप्यूटर, जो शायद विलासिता से बाहर निकलकर ज़रूरत की वस्तु बन गया है. आफ़िसों, कालेजों, स्कूलों, निजी व्यापार और सरकारी क्षेत्रों हर जगह कंप्यूटरों का प्रयोग होता है. आज अगर अपको अपना बिल पेमेंट करना है तो आप कंप्यूटर के द्वारा, इंटरनेट के माध्यम से वह भी कर सकते हैं.
चार्ल्स बैबेज के समय से लेकर वर्तमान समय तक कंप्यूटर में बहुत बदलाव आए हैं, इसी श्रेणी में 1970 के दशक में एलन केय ने कंप्यूटर का चलता-फिरता स्वरुप तैयार किया जिसे आज हम लैपटॉप के नाम से जानते हैं. आज लैपटॉप कहीं भी ले जाने की अपनी विशेषता के कारण कंप्यूटर की जगह ले रहा है. बिक्री में इसने डेस्कटॉप कंप्यूटर को बहुत पीछे छोड़ दिया है. अधिकांश लोग आज कंप्यूटर की जगह लैपटॉप लेना पसंद करते हैं.
कैसा हो आपका लैपटॉप
लैपटॉप लेते समय आपको बहुत सारी बातों पर ध्यान देना होता है जो आपकी ज़रूरत और बजट के अनुसार बदलती है. ग्राफिक डिजाइनर कार्तिख नंदा का कहना है “मैं अपने कार्य के अनुसार अपना लैपटॉप चुनना पसंद करूँगा. उनके अनुसार लैपटॉप चुनने से पहले आपको उसकी कॉंफिगरेशन पर ध्यान देना होता है क्योंकि मेरा अधिकांश कार्य ग्राफिक और एनिमेशन का है और मैं गेमिंग का भी बहुत बड़ा शौकीन हूं अतः मैं अपने लैपटॉप में उच्च प्रदर्शन वाला ग्राफिक कार्ड लगाना चाहूँगा.
लैपटॉप लेने से पहले आपको निम्न बातों का ध्यान रखना चाहिए
• लैपटॉप का सबसे महत्वपूर्ण भाग उसकी रैम मैमोरी होती है. अगर आप को अपने लैपटॉप पर डिज़ाइनिंग या फिर एनिमेशन का कार्य करना हो तो कम से कम आपके लैपटॉप में 4 जी.बी की रैम होनी चाहिए जिससे आपका लैपटॉप धीमे न चले. आफिस या अन्य कार्यों के लिए 1 जी.बी रैम भी उचित है.
• अगर आप अपने लैपटॉप में 4 जी.बी से अधिक रैम जोड़ना चाहते हैं तो आपका आपरेटिंग सिस्टम 64 बिट का होना चाहिए.
• कार्य के अनुसार आपका प्रोसेसर भी होना चाहिए. आज मार्केट में ज़्यादातर मल्टी कोर प्रोसेसर जैसे (कोर टू डूओ और आई 3) वाले लैपटॉप मौजूद हैं अतः आप मल्टी कोर प्रोसेसर वाला लैपटॉप ही चुनें.
• प्रोसेसर के साथ-साथ प्रोसेसर की स्पीड पर भी ध्यान देना चाहिए. प्रोसेसर स्पीड आपकी रैम पर भी निर्धारित होती है. अगर आपकी डीडीआर 2 हो तो 2.8 गीगाहर्ट्ज होनी चाहिए और डीडीआर 3 में यह 2.4 गीगाहर्ट्ज भी चलेगा.
• अपके लैपटॉप में कम से कम 160 जीबी की हार्डडिस्क होनी चाहिए.
• मदरबोर्ड चुनते समय इस बात का ध्यान रखें कि मदरबोर्ड ऐसी होनी चाहिए जिसको भविष्य में आसानी से अपग्रेड किया जा सके.
• लैपटॉप में एंटीवायरस लेटेस्ट संस्करण का होना चाहिए जिसे आप समय-समय पर अपग्रेड करते रहें.
आज बाज़ार में दर्ज़न से भी अधिक ब्रांड के लैपटॉप हैं लेकिन आप कौनसा लैपटॉप चुनते हैं यह आप के बजट और आपके कार्य पर निर्भर करता है. लेकिन आप जब भी लैपटॉप लें तो सदैव वारंटी का समय चेक कर लें और वारंटी खत्म होने से पहले अपनी वारंटी नवीनीकृत कराते रहें. जिससे अगर आपका लैपटॉप खराब होता है तो कंपनी आपके लैपटॉप की मरम्मत कर सके. हमेशा लेटेस्ट संस्करण के सॉफ्टवेयर इस्तेमाल करें जिसे आप समय-समय पर अपग्रेड करते रहें.
आपका लैपटॉप कितना चलता है यह आपके उपर निर्भर करता है. अगर आप अपने लैपटॉप का ख्याल रखेंगे और सही तरीके से उसका इस्तेमाल करेंगे तो आपका लैपटॉप भी सुचारू ढंग से कार्य करेगा.
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