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आज भारत सोशल मीडिया के क्षेत्र में बहुत ज्यादा आगे बढ़ रहा है. भारत में फेसबुक और ट्विटर यूजर्स की संख्या बेहद ज्यादा हो रही है. लेकिन दुनिया से जुड़ने के इस औजार का इस्तेमाल आज कुछ लोग बेहद बेखौफ होकर बुरे तरीके से करते हैं. आज फेसबुक और ट्विटर जैसी सोशल नेटवर्किंग साइट्स का इस्तेमाल करते हुए लोग भूल जाते हैं कि यह सिर्फ एक वर्चुअल दुनिया है जो हकीकत से कोसों दूर है.
हाल ही में एक अमेरिकी पॉप स्टार ने अपना ट्विटर अकाउंट सिर्फ इसलिए बंद कर दिया क्यूंकि उसकी एक अन्य स्टार के साथ थोड़ी बहस हो गई. लेकिन चीजें तब बहुत ज्यादा खराब हो गईं जब इस पॉप स्टार के प्रशंसकों ने दूसरे स्टार को जान से मारने की धमकियां देनी शुरू कर दीं. जब इस मामले की जांच शुरू हुई तो सोशल मीडिया से जुड़ी एक अहम जानकारी सामने आई जिसने सभी को चौंका कर रख दिया.
अगर हम भारत की बात करें तो साल 2011 में “शाहरुख खान” ने अपना ट्विटर अकाउंट सिर्फ इसलिए बंद कर दिया क्यूंकि वह सोशल मीडिया पर लोगों के ऊल-जुलूल कमेंट से तंग आ गए थे. उस समय उन्होंने बोला था कि सोशल मीडिया अपनी भावनाओं की अभिव्यक्ति की आजादी देता है लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि कोई मुझे गालियां दे. ऐसा सिर्फ शाहरुख ही नहीं कई बार आम लोगों के साथ भी होता है. ऐसा ही एक केस इस साल भारत और इंग्लैड सीरीज के सामने भी उभरकर आया जब एक लड़की को कुछ लोग सिर्फ इसलिए जान से मारने की धमकियां दे रहे थे क्यूंकि उसने भारत की हार के बाद सचिन को रिटायरमेंट की सलाह दी थी.
आखिर क्या है वजह
दरअसल लोग सोशल मीडिया के मूल विचार को नहीं समझते और आभासी दुनिया तथा असली दुनिया के बीच के फर्क को भूल जाते हैं. लोग यह समझ नहीं पाते कि सोशल मीडिया पर दिए गए बयानों को असल जिंदगी से जोड़ कर नहीं देखा जा सकता. सोशल मीडिया पर किए गए कमेंट और पोस्ट किए गए विचार पूरी तरह उस व्यक्ति-विशेष के अपने विचार होते हैं और भारत जैसे देश में विचारों की अभिव्यक्ति की पूरी आजादी है.
क्या कहता है कानून
सूचना प्रौद्योगिकी कानून 2000 के अंतर्गत इस बात का साफ जिक्र है कि सोशल मीडिया और इंटरनेट पर किसी झूठी खबर या आपत्तिजनक मैसेजों को सजा की श्रेणी में रखा जाएगा. 2000 में बनाए गएइन्फॉर्मेशन एंड टेक्नोलॉजी एक्ट की धारा 66केसेक्शन एके तहत मोबाइल या इंटरनेट के माध्यम से किसी भी स्त्री को अश्लील एसएमएस, ई-मेल या तस्वीरें भेजना, धमकी देना या फोन पर अश्लील बातें करना संज्ञेयअपराध माना गया है. अर्थात केवल स्त्री द्वारा दर्ज कराए गए एफआईआर के आधारपर पुलिस आरोपी को बिना वारंट जारी किए पूछताछ के लिए अपनी हिरासत में 24 घंटे तक रख सकती है.
लेकिन हाल ही में इसमें एक संसोधन किया गया है जिसके अनुसार ऐसी कोई भी हरकत करते हुए पकड़े जाने पर पहली बार दोषी पाए जाने पर अपराधी को अधिकतम तीन साल की कैद और 50 हजार से 1 लाख रुपये तक का जुर्माना देना होगा. दूसरी बार अपराध करने वाले के लिए जहां 2 से 7 साल तक की कैद होगी, वहीं 1 लाख से 5 लाख रुपये तक जुर्माना संभव होगा.
तो अगली बार ध्यान रखें कहीं आपकी कही गई या पोस्ट किए गए कमेंट से कोई खुद को अपमानित ना महसूस करे. सोशल मीडिया वेबसाइट पर किसी भी तरह के कमेंट और पोस्ट करते हुए अपने निजी शब्दों को बांध कर रखें.
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