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क्या आपका मोबाइल 3जी सुविधा से लैस है? इस सवाल के जवाब में अधिकतर लोग ‘हां’ ही बोलेंगे क्योंकि आजकल 3जी स्मार्टफोन आसानी से उपलब्ध हो जाते हैं और साथ ही उनकी रेंज भी सभी की पॉकेट के हिसाब से फिट हो जाती है. लेकिन यहां सवाल यह उठता है कि आप मोबाइल फोन में उपलब्ध ‘जी’ सुविधा के बारे में अच्छी तरह जानते भी हैं या नहीं?
3 जी और 4 जी के आने से पहले अब तक 2 जी पर काम हो रहा था लेकिन अब सुना है कि जल्द ही मार्केट में 5 जी कनेक्शन भी उपलब्ध होने वाला है और सैमसंग ने इस पर काम भी शुरू कर दिया है. लेकिन फिर भी हमें उम्मीद है कि बहुत से लोग अभी भी इस बात को लेकर दुविधा में हैं कि ‘जी’ आखिर है क्या और 1जी से शुरू हुई यह सीरीज 5 जी तक पहुंच गई तो इस सुविधा में अंतर क्या है? चलिए हम आपको आपके सभी सवालों का जवाब देते हैं.
1. 5 जी: वैसे सच बताएं तो भारतीय यूजर्स तक 4जी सुविधा अभी तक ठीक प्रकार से पहुंची भी नहीं थी कि सैमसंग ने 5 जी पर भी काम शुरू कर दिया. सैमसंग का कहना है कि उसके द्वारा 5जी तकनीक विकसित कर ली गई है जिसके तहत आपका फोन 2 किलोमीटर दूरी तक से डेटा एक जीबी/सेकेंड की रफ्तार से भेज सकेगा. यह तकनीक 2020 तक सामान्य यूजर्स तक पहुंच पाएगी.
2. 4जी: मोबाइल फोन की दुनिया में यह तकनीक वर्तमान समय में मौजूद एक क्रांतिकारी सुविधा है. इस सुविधा के अंतर्गत बैंडविड्थ से जुड़ी सभी समस्याओं का लगभग अंत हो जाएगा. एयरटेल के द्वारा 4जी टैरिफ की कीमतों में कटौती करने की योजना है. इससे पहले 2जी के टैरिफ के दामों को भी एयरटेल कम कर चुका है. एयरटेल की मानें तो वह 4जी के दाम भी 3जी से ज्यादा नहीं करेगा.
3. 3जी: ये सुविधा अब हर स्थान, हर राज्य, हर क्षेत्र में उपलब्ध है. आजकल ज्यादातर मोबाइल यूजर्स भी स्मार्टफोन के जरिए इसी सुविधा का उपयोग कर रहे हैं, जिसके अंतर्गत 3जी जैसी तेज डेटा सर्विस का मजा उठाया जा सकता है.
4. 2जी: आजकल जिन फोनों को ‘डिब्बा’ कहा जाता है, यह सुविधा उन्हीं फोन में होती है. 2जी के जरिए डेटा एक जगह से दूसरी जगह भेजा तो जाता है लेकिन उसकी स्पीड बहुत धीरे होती है. ऐसा नहीं है कि अब इसका प्रयोग नहीं होता, क्योंकि बहुत से लोग हैं जो आज भी 2 जी सुविधा का ही उपयोग कर रहे हैं.
5. 1जी: वैसे अन्य देशों के लोग इस सुविधा का प्रयोग 80 के दशक से कर रहे थे लेकिन अब पूरी तरह विलुप्त इस सुविधा को भारत में 90के दशक के बाद लाया गया. जब यह तकनीक प्रयोग की जाती थी तब इसके दाम बहुत कम थे और इसके जरिए सिर्फ वॉइस कॉल ही हो पाती थी.
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