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सोशल साइट्स आज युवाओं के बीच सबसे ज्यादा प्रचलित चीजों में एक हैं. जैसा कि नाम से ही पता चलता है कि यह लोगों को सामाजिक तौर पर जोड़ने वाला है, अपनी इसी विशेषता के कारण यह पहले युवाओं और अब इंटरनेट के बढ़ते चलन में लगभग सभी आयु वर्ग में प्रचलित है. चौंकाने वाली खबर यह है कि अब यह लोगों को जोड़ने की बजाय दोस्ती तोड़ने का काम कर रही हैं. शायद आप ये पढ़कर चौंककर पूछेंगे ‘‘कैसे?’’. तो हम आपको बता दें कि ये हम अपनी कल्पना से नहीं, तथ्यों के आधार पर कह रहे हैं. अमेरिका के एक कॉरपोरेट प्रशिक्षण फर्म के सह अध्यक्ष यूसुफ ग्रेनी ने सोशल मीडिया के प्रभावों पर किये गये अपने रिसर्च में यह पाया कि अक्सर कमेंट्स में अव्यवहारिक या कठोर शब्दों का उपयोग दोस्ती में दरार बनकर सामने आती है.
ऑरकुट, फेसबुक, ट्विटर, व्हाट्स ऐप, गूगल प्लस जैसी सोशल साइट्स के अलावे भी कई लोकल साइट्स हैं जिनके नाम आपको युवाओं से सुनने को मिल जाएंगे. रिसर्च बताती हैं कि 67 प्रतिशत यूएस वयस्क किसी न किसी सोशल नेटवर्क से जुड़े हैं जिनमें ज्यादातर फेसबुक यूजर्स हैं. इनके अलावे ब्रिटेन की भी आधी जनसंख्या सोशल नेटवर्क से जुड़ी हुई है. भारत में भी आम आदमियों से इतर हर क्षेत्र की मशहूर हस्तियों के फेसबुक, ट्विटर अकांउट आपको मिल जायेंगे. इनमें अमिताभ बच्चन जैसी मनोरंजन की दुनिया से लेकर शशि थरूर जैसे राजनयिक प्रोफाइल भी हैं.
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