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मंगल के राज से पर्दा उठाएगा भारतीय उपग्रह!!

तकनीक-ए- जहॉ
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marsमंगल ग्रह पर जीवन के होने या ना होने जैसे सवालों पर आएदिन कोई ना कोई बहस छिड़ी ही रहती है यही वजह है कि जहां कुछ लोग एलियन (दूसरे ग्रह पर रहने वाले जीव) की अवधारणा को स्वीकार करते हैं वहीं कुछ ऐसी बातों को मनगढ़ंत मानकर टाल देते हैं. मानने और ना मानने के बीच अंतहीन बहस का मुद्दा बन चुका यह मसला कभी हल्के में लिया जाता है तो कभी इसपर गंभीरता से विचार किया जाता है. अब इसरो के वैज्ञानिकों की ही बात कर लेते हैं जिन्होंने लाल ग्रह यानि मंगल ग्रह में छिपे रहस्य को सुलझाने का बीड़ा उठा लिया है.


कुछ ही समय बाद यानि करीब 2 बजकर 38 मिनट पर इसरो अपना मंगलयान अंतरिक्ष में भेजने वाला है जिसके साथ करोड़ों भारतीयों की उम्मीद जुड़ी हुई है. इसरो के इस अभियान पर पूरी दुनिया टकटकी लगाए हुए है और सभी इस बात को लेकर उत्साहित है कि भारत अपने इस अभियान में कितना सफल हो पाता है. आपको बता दें कि अगर भारत का यह अभियान वैज्ञानिकों की उम्मीदों पर खरा उतरता है तो मंगल ग्रह पर विजय पाने की रेस में हम चीन को भी पीछे छोड़ देंगे और भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी ‘इसरो’ अपनी सफलता की कहानी लिखने वाली दुनिया की चौथी अंतरिक्ष एजेंसी बन जाएगी.


चलिए हम बताते हैं आपको इस अंतरिक्ष अभियान की खासियत और इससे जुड़ी कुछ खास बातें:


भारत का मंगलयान: पृथ्वी से बहुत हद तक मिलते-जुलते मंगल ग्रह पर भारत का आर्बिटर मिशन. इस अभियान के अंतर्गत पीएसएलवी-सी25 रॉकेट के द्वारा मंगल की कक्षा में उपग्रह स्थापित किया जाएगा.


दूरदर्शन पर प्रसारण: इस अभियान की लॉंचिंग से भारतीयों को जोड़ने के लिए 2 बजे से दूरदर्शन पर इसका प्रसारण किया जाएगा.


इस अभियान का उद्देश्य: पीएसएलवी-सी25 रॉकेट के जरिए भेजे जा रहे उपग्रहों के साथ पांच स्वदेशी उपकरण भेजे जा रहे हैं जो मंगल पर मीथेन, ड्यूटीरियम, जीवन और पानी की उपलब्धता के साथ अन्य कई अहम बातों का पता लगाएंगे.


कब पहुंचेगा मंगल तक: लॉंच होने के के 40 मिनट बाद पीएसएलवी-सी 25 रॉकेट उपग्रह को धरती की कक्षा में स्थापित कर देगा. अगामी 25 दिनों तक यह उपग्रह पृथ्वी की कक्षा में परिक्रमा करता रहेगा. और 300वें दिन या फिर करीब 9 महीने बाद आखिरकार यह उपग्रह मंगल पर पहुंच जाएगा. आपको बता दें कि दुनिय के विभिन्न देशों द्वारा अभी तक 51 उपग्रह मंगल में भेजें जा चुके हैं.


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