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स्मार्टफोन के चाहने वालों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी ही देखी जा रही है जिसका फायदा स्मार्टफोन निर्माताओं को तो मिल ही रहा है लेकिन नेटवर्क कंपनियों की भी इससे चांदी ही हो रही है. अब देखिए ना हर स्मार्टफोन में प्राय: इंटरनेट का प्रयोग किया जा सकता है और इंटरनेट पैक एक्टिवेट कराना और हर माह या कुछ दिनों के अंतराल में उसे रिचार्ज कराना पड़ता है. अब रिचार्ज के पैसे तो नेटवर्क कंपनियों की ही जेब में ही जाएंगे ना.
वैसे तो आजकल डेस्कटॉप और लैपटॉप होना भी बड़ा कॉमन हो गया है लेकन आंकड़ों की मानें तो इस साल यानि 2014 के मार्च माह तक पहुंचते-पहुंचते मोबाइल इंटरनेट यूजर्स की संख्या 155 करोड़ के आंकड़े को छू लेगी. इतना ही नहीं इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया द्वारा जारी इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि जून के अंत तक मोबाइल यूजर्स की यह संख्या 185 करोड़ का आंकड़ा पार कर लेगी. आइएएमएआइ द्वारा जारी इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि इस संख्या में महीने-दर-महीने उल्लेखनीय वृद्धि भी देखी जाने वाली है.
आपको बता दें कि अक्टूबर 2013 में मोबाइल इंटरनेट यूजर्स की संख्या 110 करोड़ थी जबकि 2 महीने बाद यानि दिसंबर 2013 में मोबाइल पर इंटरनेट का प्रयोग करने वालों की संख्या 130 करोड़ पहुंच गई. रिपोर्ट के अनुसार शहरी क्षेत्रों में मोबाइल इंटरनेट यूजर्स की मौजूदा 103 करोड़ की संख्यां (दिसंबर के आंकड़ों के अनुसार) मार्च 2014 तक 126 करोड़ और जून तक 153 करोड़ पारा कर सकती है. वहीं ग्रामीण इलाकों में 27 करोड़ की मौजूदा संख्या के जून 2014 तक 32 करोड़ पहुंचने की पूरी-पूरी संभावना है.
रिपोर्ट में यह बात भी स्पष्ट की गई है कि 35 प्रतिशत मोबाइल इंटरनेट उपभोक्ता फोन में इंटरनेट का प्रयोग करने के लिए 100-500 रुपए खर्च कर रहे हैं. वहीं 9 प्रतिशत 500 रुपए से भी ज्यादा और 6 प्रतिशत यूजर्स 100 रुपए से कम खर्च कर रहे हैं.
चलिए जो भी है, यूजर्स चाहे कितना ही ज्यादा या कितना ही कम क्यों ना खर्च कर रहे हों, असल बात है मोबाइल इंटरनेट की दुनिया में आए दिन यूजर्स की बढ़ती संख्या. उम्मीद है इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया की यह रिपोर्ट सही साबित होगी और आगे आने वाले समय में नेटवर्क कंपनियां बेहतर सुविधाएं उपलब्ध करवाने के साथ-साथ अपने लिए मुनाफा हासिल करेंगी.
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