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सोचिए अगर इंटरनेट जैसा कोई शब्द अस्तित्व में ही ना होता तो? सोचिए क्या होता जब हर छोटी चीज के लिए आपको 10 गुणा ज्यादा मेहनत करनी पड़ती? क्या होता अगर कंप्यूटर पर टाइपिंग के अलावा और कोई सुविधा उपलब्ध ही ना होती….? आजकल के जमाने में ऐसा विचार भी जहन में उठना नामुमकिन सा ही है जो ये सोचने को मजबूर करे कि इंटरनेट के बिना जिन्दगी कैसी होगी. यूं तो इंटरनेट की दुनिया डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू (वर्ल्ड वाइड वेब) नामक तीन एल्फाबेट्स पर केन्द्रित है लेकिन क्या आपने सोचा है इंटरनेट के इस मकड़जाल को मनुष्य के जीवन में इतना महत्वपूर्ण बनाने वाले लोग कौन हैं और उन्होंने कैसे और किन हालातों में वर्ल्ड वाइब वेब की नींव रखी?
चलिए नहीं सोचा तो हम आपको बता देते हैं कि आज वर्ल्ड वाइड वेब यानि डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू अपने निर्माण के 25वर्ष पूरे कर चुका है और 25वीं सालगिरह के मौके पर हम आपको इससे जुड़े कुछ ऐसे तथ्य बताने जा रहे हैं जो शायद आप नहीं जानते होंगे:
1. टिम बर्नर्स-ली ने वर्ष 1989 में डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू का आविष्कार किया था. यूरोपियन ऑर्गनाइजेशन फॉर न्यूक्लियर रिसर्च में टिम सॉफ्टवेयर इंजीनियर के तौर पर कार्यरत थे. इस संगठन में कई वैज्ञानिकों ने टिम के साथ काम किया और फिर सब अपने-अपने देश लौट गए. लौटने के बाद सभी को सूचनाओं के आदान-प्रदान करने जैसी जरूरत महसूस हुई और बस यहीं से पड़ी वर्ल्ड वाइड वेब की नींव, जहां सारी सूचनाएं एक ही बार में आसानी से मिल जाती हैं.
2. वर्ल्ड वाइड वेब जैसे टिम के इस प्रपोजल को पहले दरकिनार कर दिया गया था. कोई भी इस विषय पर सोचना भी नहीं चाहता था.
3. वर्ष 1990 में टिम ने इंटरनेट की तीन मौलिक तकनीकों को स्पष्ट रूप से सबके सामने रखा.
4. वेब के आविष्कार के पहले सामान्य तौर पर लोग अपने आइडिया या विचार सिर्फ तभी सार्वजनिक कर पाते थे जब प्रकाशकों, संपादकों से अच्छे संबंध हुआ करते थे. लेकिन वेब के आविष्कार के बाद ब्लॉगर्स, लेखकों आदि को एक अच्छा प्लेटफॉर्म मिल गया.5. वर्ल्ड वाइड वेब को याद्दाश्त के एक अंग के रूप में देखा जाता है. अब आपको कुछ याद रखने के लिए मेहनत करने की जरूरत नहीं है क्योंकि आप जानते हैं कि गूगल में टाइप कर आप किसी भी सूचना तक आसानी से पहुंच सकते हैं.
एचटीएमएल (हाइपर टेक्स्ट मार्कअप लैंग्वेज)
यूआरएल (यूनिफॉर्म रिसोर्स आइडेंटिफायर)
एचटीटीपी (हाइपरटेक्स्ट ट्रांसफ़र प्रोटोकॉल)
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