- 174 Posts
- 487 Comments
टेक्नॉलोजी ने लाइफ बहुत आसान बनाया है. बिजली, पानी, परिवहन जैसी सुविधाएं तो हैं ही लेकिन फोन, कंप्यूटर और टेलीविजन जैसे गैजेट्स जब से आम जिंदगी में आए हैं तब से इस टेक्नॉलोजी का जादू हर दिन एक नए रूप में नजर आता है. पहले थे साधारण फोन, और बड़े बॉक्स कंप्यूटर-टेलीविजन जिसमें तार और बड़ी जगह घेरने की बहुत बड़ी असुविधा थी. फिर मोबाइल, लैपटॉप और फ्लैट स्कीन टीवी ने इन्हें पीछे छोड़ दिया. खासकर मोबाइल फोन में स्मार्ट फोन के आने के बाद तो पूरी तस्वीर ही बदल गई. टच स्क्रीन फोन और लैपटॉप आने के बाद शायद अब आप सोच रहे होंगे कि इससे ज्यादा और क्या सकता है? लेकिन हो सकता है?
‘टच’ टेक्नॉलोजी के फोन, टैबलेट, लैपटॉप आने के बाद अब माइक्रोसॉफ्ट ‘नो टच’ टेक्नॉलोजी पर काम कर रहा है. ‘नो टच’ टेक्नॉलोजी का मतलब मार्केट से टच टेक्नॉलोजी को हटाकर वापस पहले की तरह बटन सिस्टम पर काम करने का दौर वापस लाना नहीं है बल्कि इस नो टच में आप आपको ऐसी तकनीक मिलेगी जिसमें आपको अपने गैजेट्स को ऑपरेट करने के लिए उसे साथ रखने की भी जरूरत नहीं होगी. अपने पास अपना मोबाइल, लैपटॉप, टीवी नहीं होने के बाद भी कहीं दूर से भी बस अपनी अंगुलियां हिलाकर आप उसे ऑपरेट कर सकते हैं.
ब्रेसलेट हाथों में पहनने की जरूरत होगी, फिर आप किसी दूसरे कमरे में बैठकर भी अपने हाथों के इशारों से टीवी, कंप्यूटर ऑपरेट कर सकते हैं. मोबाइल पर आने वाले कॉल रिसीव कर सकते हैं, उसके दूसरे फंक्शंस दूर से बैठे-बैठे बिना गैजेट को छुए यूज कर सकते हैं. इस ब्रैसलेट की तकनीक कुछ तरह होगी कि हाथों में पहने होने पर यह हाथों, अंगुलियों के हर मूवमेंट को पढ़ते हुए गैजेट्स को एक निश्चित दूरी से गैजेट्स को ऑपरेट किया जा सकता है. अगले 2 से 5 सालों में यह ‘नो टच’ तकनीक मार्केट में आ जाने की उम्मीद है. तो अब अगर कोई पूछे कि ‘टच’ के बाद नेक्स्ट क्या? तो समझ जाइए विज्ञान का एक और जादू आपको जादूगर बनाने आ रहा है.
Read Comments